अब लोग उस पत्रों के जमाने वाले कागज में लिपटी बनावटी भावुकता से ऊब चुके हैं।
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इसी शो के कुछ अय तिभागियों ने भी माना था कि इस तरह के शो सिफ बनावटी भावुकता को ही दशाते ह आर चनल ऐसे शो में लाख कोशिशों के बाद भी सभी तिभागियों को नाटकीय अदाज नहीं दे सकते।